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cancer ki last Stage ke lakshan kya hai | What are the symptoms of last stage cancer

cancer ki last Stage ke lakshan को आज हम विस्तार से समझते हैं ताकि हमें पता लग सके कैंसर के लास्ट स्टेज में क्या होता है कैंसर के स्टेज कौन-कौन से हैं और cancer ki last Stage ke lakshan kya hai क्योंकि हमारे देश में महिलाओं में गर्भाशय व स्तन के कैंसर और पुरुषों में मुख व गले का कैंसर समान रूप से पाया जाता है।

आज हम जानेंगे अगर किसी को कैंसर हो गया है तो कौन-कौन से लक्षण दिखाई देंगे शरीर के किन लक्षणों से कैंसर के लक्षणों का पता लगता है यानी कि कैंसर के सिम्टम्स और कैंसर की लास्ट स्टेज के लक्षण को आप जानेंगे।

cancer ki last Stage ke lakshan
cancer ki last Stage ke lakshan

कैंसर क्या है?

कैंसर अनियमित वृद्धि वाली कोशिकाओं का एक समूह होता है जो कोशिकाओं के सामान्य व्यवहार व क्रिया को परेशान करती है और असाधारण कोशिकाओं की अनियंत्रित व अक्रमक वृद्धि होती है।

हम सभी जानते है कोशिकाओं में सामान्य रूप से विभाजन होता रहता है इस विभाजन को अदिओनकोजिन्स (proto oncogenes) प्रेरित करता है। यदि DNA के किसी अणु के द्विगुणन के समय त्रुटि के कारण किसी अदिओनकोजिन्स का उत्परिवर्तन (mutation) हो जाता है तो किशिका की वृद्धि और विभाजन अनियंत्रित हो जाता है। ये कोशिकाएं एक गांठ सद्रीस पिण्ड बना लेती है जिसे ट्यूमर कहा जाता है। बाद में यही ट्यूमर कैंसर का रूप ले लेता है।

आप लोगों को बता दे की कैंसर नॉन कोमेनिकेबल डिसिज है मतलब कैंसर असंक्रामक रोग होता है। कैंसर एक अतिपिदादयी और गंभीर रोग है जिससे हर साल लाखों व्यक्ति मार जाते है।

सरल भाषा में कैंसर के कारण कोशिका विभाजन अनियंत्रित हो जाता है और कोशिकाएं ट्यूमर बना लेती है और फिर हमारी जो सामान्य कोशिकाएं जो होती है उसे ट्यूमर वाली कोशिकाएं नस्त करने लगती है इस तरह से घाव बनता जाता है और इसे ही कैंसर कहा जाता है। चलिए अब जानते है कैंसर के कितने प्रकार होते है।

कैंसर क्यों होता है?

कैंसर की बीमारी शरीर में विटामिन b17 की कमी से होता है। b17 की कमी को पूरा करने के लिए सेब, पीच, नाश पत्ती, अंकुरित दाल, मसूर के साथ बादाम विटामिन बी7 का बेहतरीन स्त्रोत है और फल में स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी ब्लैकबेरी, ब्राउन राइस, धान, कद्दू अंकुरित गेहूं, ज्वारे, कुट्टू, काजू चिकनाई वाले सूखे मेवे आदि विटामिन b17 के अच्छे स्रोत हैं इन्हें आप रोजाना की डाइट में शामिल करके विटामिन b17 की कमी से होने वाले स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं।

कैंसर के प्रकार

प्रभावित उतको के आधार पर कैंसर कई प्रकार का होता है।

  1. सक्रोमा इस प्रकार की दुर्दम वृद्धि भ्रुणीय मिसोडर्म से होती है, जैसे अस्थि, पेशी, लिम्फा ग्रंथि तथा संयोजी ऊतक का कैंसर।
  2. कर्सिनोम एपिथिलियम ऊतक या त्वचा की दुर्दम वृद्धि को कर्सिनोम कहते है, जैसे त्वचा, फेफड़े, स्तन, आमाशय तथा अग्नाशय का कैंसर।
  3. ल्युकिमिया यह रुधिर का कैंसर है जिसमे अस्थि मज्जा में कोशिकाओं के अनियंत्रित प्रबुरोध्दवान के कारण रुधिर में ल्युकोसिट्स Wbc की संख्या में अत्यधिक वृद्धि होती है।

यानी हमारे बोन मैरो में कोशिकाओं के अनियंत्रित रूप से कोशिकाएं बढ़ने लगती है इसके कारण रुधिर में जो ल्युकोसिट्स होते है जो wbc होते है इनकी संख्या बड़ जाती है उसे ल्युंकिनिया कहा जाता है या रुधिर का कैंसर कहा जाता है।

कैंसर के कारण

  1. धूम्रपान : सिगरेट बीड़ी पीने से फेफड़ों में कैंसर हो जाता है इससे मुख, गले व लैरिक्स में भी कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
  2. तंबाकू चबाना सुपारी वाला डाकू चबाने से मुंह का कैंसर होता है। हमारे देश में अधिक संख्या में मुंह के कैंसर का यही एकमात्र कारण है।
  3. भौतिक उत्तेजना : शरीर के किसी भाग के लगातार उत्तेजित होने से उस भाग में कैंसर हो जाता है। सर्दी के मौसम में कश्मीरी लोग अपने कपड़ों के अंदर वक्त के पास एक छोटी कांगड़ी रखते हैं। इसके कारण त्वचा उत्तेजित होती है जिससे उस बाकी पचा में कैंसर होने की संभावना रहती है।
  4. रसायनों द्वारा प्रयोग : अनेक रसायन शरीर में कैंसर उत्पन्न करते हैं। यह निकोटीन, कैफीन, कोयला, गाड़ियों से निकलने वाले धुएं में अदग्ध हाइड्रोकार्बन तथा अनेक प्रकार के पॉली साइक्लिक हाइड्रोकार्बन आदि हैं। कुछ लिंग हार्मोन व स्टेरॉइड्स को अधिक समय या अधिक मात्रा में लेने से कैंसर हो जाता है।
  5. सूर्य की किरणों के प्रति उद्भासन : कृषक व श्रमिकों को लंबे समय तक खुली धूप व वायु में कार्य करने के कारण त्वचा के कैंसर की संभावना रहती है। रेडियम वाह रेडियोधर्मी तत्वों द्वारा अस्थि का कैंसर होता है।
  6. वायरस : इसके कारण भी मनुष्य में कैंसर हो जाता है।
  7. क्षतिग्रस्त भाग व चोट : शरीर के किसी भाग के अधिक समय तक क्षतिग्रस्त रहने से भी कैंसर हो जाता है। उदाहरण के लिए दांत का कुछ भाग टूटने पर वह लगातार जीत को उत्तेजित करता है जिससे जीव के उत्तेजित भाग में कैंसर हो जाता है।

कैंसर का फैलाव

  • 1. किसी स्थान पर कैंसर कोशिकाएं विभाजन करके ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। अब यह ट्यूमर आसपास के ऊतकों के ऊपर फेल कर उन्हें नष्ट कर देता है।
  • 2. कभी-कभी कैंसर कोशिकाएं ट्यूमर से पृथक होकर लिम्फ संचरण के साथ शरीर के अन्य भागों में पहुंचकर विभाजन शुरु कर देती हैं। इस प्रकार का कैंसर सबसे अधिक घातक होता है तथा रोगी की मृत्यु हो जाती है।
  • 3. अस्थि मज्जा तथा संयोजी उत्तक में उत्पन्न कैंसीरस ट्यूमर की कोशिकाएं रुधिर के साथ तेजी से शरीर के अन्य भागों में पहुंच जाती है।

cancer ke lakshan – कैंसर के लक्षण

  • शरीर के किसी भाग में गांठ का बनना जैसे होठ व स्तनों में। स्त्रियों में स्तन कैंसर ही सामान्य रूप से पाया जाता है।
  • जख्म या फोड़ा जो जल्दी भरकर ठीक नहीं होता।
  • अनियमित रुधिर स्त्राव या रुधिर के समान द्रव्य का विसर्जन विशेषकर स्त्रियों में रजोनिवृत्ति के बाद।
  • स्वर में रुक्षता, लगातार कफ का बना रहना या निगलने में परेशानी।
  • किसी तिल या मस्से का अचानक ही तेजी से वृद्धि करना।
  • कब्ज का बना रहना या भूख ना लगना।
  • अगर हमारे शरीर का भार कम हो रहा है तब भी ऐसा हो सकता है।
  • अनियमित शौच की वजह से भी हो सकता है।

कैंसर का उपचार

वैज्ञानिकों को अभी तक कैंसर का इलाज नहीं मिल पाया है आजकल सेल चिकित्सा विकिरण चिकित्सा प्रभावित क्षेत्र को एक्स किरणों द्वारा अनावृत करके इम्यूनो थेरेपी तथा कीमो थेरेपी द्वारा कैंसर का इलाज किया जाता है।

कुछ औषधियां भी कैंसिल में लाभ पहुंचाती है यह औषधियां कैंसर कोशिकाओं में विभाजन को रोककर उन्हें नष्ट कर देती है आजकल इंटरफेरॉन का प्रयोग भी कैंसर के उपचार में किया जाता है।

सदाबहार पौधे से कैंसर के इलाज के लिए दो औषधियां बनाई गई है यह vincristin तथा vinblastin हैं जो ल्युकिमिय के इलाज में काम आती है। Wheat therapy तथा गिलोय के रस को भी कैंसर के इलाज के लिए प्रयोग करते हैं।

क्या आप जानते है कैंसर के कितने स्टेज होते है और हर स्टेज का क्या मतलब है? आइए आपको कैंसर के स्टेज के बारे में समझते है।

कैंसर के स्टेज

कई लोग मानते है की कैंसर के चार स्टेज होते है लेकिन आपकी जानकारी के लिए बताना चाहूंगी कैंसर के स्टेज कैंसर के टाइप पर निर्भर करते है कुछ कैंसर में दो या तीन स्टेज भी हो सकते है जैसे कुछ स्पेशल तरह के लंग कैंसर में सिर्फ 2 स्टेज होते है। और टेस्टिकुलर कैंसर में सिर्फ 3 स्टेज होते है कुछ केश में ज्यादा स्टेज भी हो सकते हैं और कुछ केश में 5 स्टेज या उससे ज्यादा भी होते है। लेकिन मेजोरिटी ऑफ कैंसर में 4 स्टेज बनते हैं स्टेज वन स्टेज 2 स्टेज 3 और स्टेज 4

कैंसर स्टेज का मतलब

हम किसी भी कैंसर की बात करे तो 1234 एक बेसिक कैंसर के स्प्रेड को दर्शाते है। उदाहरण के लिए हम अगर ब्रेस्ट कैंसर की बात करें तो स्टेज वन में भ्रष्ट में बहुत छोटे ट्यूमर होते हैं इसी तरह स्टेज वन में बहुत ही छोटा टयूमर होता है।

स्टेज 2 कैटेगरी के ट्यूमर आते हैं या तो ट्यूमर थोड़ा छोटा साइज से बड़ के थोड़े बड़े साइज का हो जाता है या फिर ट्यूमर फैलने लगता है या फिर आस पास के ऑर्गन के मोड में घुसने लगा है।

स्टेज 3 में माना जाता है की कैंसर ऑर्गन से बाहर निकल चुका है और लोकल साइड में ही है उदाहरण के लिए ब्रेस्ट कैंसर को कंधे के मोड में फेल गया है लंग कैंसर जो छाती के मोड में फेल गया है प्रोस्टेट कैंसर जो को प्रोस्टेट को टच करने लग गया है यानी की कैंसर ऑर्गन से बाहर निकलना सुरु हो गया है।

स्टेज 4 वह कैंसर जो और गंज में से निकाल कर दूसरे और गंज में फैलने लग गए हैं वह stage-4 में आते हैं जैसे ब्रेस्ट, लंग, प्रोस्टेट इत्यादि कोई भी कैंसिल हो वह बाहर निकल के हड्डी या लिवर में या ब्रेन में फैल गया है तो उससे फोर्थ स्टेज में रखा जाता है।

कैंसर स्टेज और कैंसर ग्रेड

काफी लोगों को कैंसर के स्टेज और कैंसर के ग्रेड में गलतफहमी होती है इसलिए आज हम कैंसर के स्टेज और ग्रेड के बारे में आपको बताने वाले हैं। स्टेज और ग्रेड दो अलग चीजें होती हैं। स्टेज से पता लगता है कि कैंसर कितना फैला है और ग्रेड से पता चलता है कि कैंसर का ट्यूमर सेल्स कितनी तेजी से बढ़ रहा है।

कैंसर के हर एक स्टेज पर कितना सर्वाइवर होत है

स्टेज अकेली चीज नहीं है जो पता लगा सके कि मरीज कितने दिन तक जी सकता है बल्कि मरीज की जिंदगी बहुत सारी चीजों पर निर्भर करती है वह यह है कि सबसे जरूरी पॉइंट यह है कैंसर किस तरह का है।

जैसे अगर किसी को space2 और stage3 पैंक्रियास का कैंसर है अगर एक स्लो स्पीड कठूमर ज्यादा भी फैला हो तो सर्वाइवर लंबा भी हो सकता है जबकि एक फास्ट स्पीड ट्यूमर कम फैला हो तो उसका सर्वाइवल कम हो सकता है इसी तरह और भी ऐसे मापदंड हैं जो हमें बताते हैं कि पेशेंट का सर्वाइवल कितना है।

इन सारी इनफार्मेशन को एक साथ में लेकर के फाइनली रिजल्ट निकाला जाता है कि पेशेंट का सर्वाइवल कितना है।

कैंसर से बचने के उपाय

ऐसे फलों का का सेवन करें जिसमें पानी की मात्रा ज्यादा हो जैसे केला, अनानास नाश पत्ती, ब्लूबेरी, जामुन।

शरीर के किसी भी हिस्से में लंबे समय तक दर्द का बने रहना, दबाव के बावजूद असर ना होना, कोई बीमारी ना होने के बावजूद दर्द का रहना, असहज महसूस होना यह सभी परेशानियां अगर आपको है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

कैंसर में इन सभी चीजों का सेवन करने से बचें जैसे : तेल मसालेदार खाना, तेज गंध वाले भोजन, कच्ची सब्जियां, सलाद, छिलका युक्त फलों के सेवन, बासी भोजन, रोड साइड फूड इन सभी खाने को खाने से बचें।

इसके साथ ही शराब का सेवन करने से बचे रेड मीट कम खाएं और प्रोसैस्ड मीट खाने से बचें, नमक कम खाएं डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें.

क्या आप जानते हैं रोजाना हल्दी वाला पानी पीने से कैंसर को रोकने में मदद मिलती है। हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने में मदद करता है और एक रिसर्च में पाया गया है कि अगर आप हल्दी और काली मिर्च को मिलाकर इस्तेमाल करते है तो इसका असर और ज्यादा बढ़ जाता है।

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क्या कैंसर एक दूसरे से फैलता है?

जी नहीं कैंसर एक व्यक्ति के छूने से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है लेकिन अगर आपके परिवार में पहले किसी को कैंसर रहा है तो दूसरे सदस्यों को भी कैंसर होने की संभावना हो सकती है लेकिन कैंसर छूने से नहीं फैलता है।

क्या कैंसर की गांठ में दर्द होता है?

कुछ कैंसर की गांठ मैं दर्द होता है और हमेशा दर्द नहीं करती कुछ कैंसर की गांठ ऐसी होती हैं जिनमें दर्द ही नहीं होता।

हमने जाना: कैंसर की लास्ट स्टेज, कैंसर के लक्षण, कैंसर के प्रकार और उपाय सभी तरह की जानकारी को विस्तार से दी गई है ताकि आप समझ सके और इस पोस्ट से आपको कुछ बेनिफिट्स मिल सके। उम्मीद है ये पोस्ट आपके कुछ काम आया होगा, पोस्ट हेल्पफुल लगा है तो अपने फ्रेंड्स एंड फैमिली के साथ इसे जरूर शेयर करें।

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